आरटीआई कार्यकर्ता डिस्पर्सिंग रानी ने कोविड के दौरान गृह विभाग द्वारा निजी वाहनों को किराए पर लेने से जुड़े संभावित घोटाले को उजागर किया है, जो मोटर वाहन अधिनियम का उल्लंघन है। रानी का दावा है कि वाहन मालिकों को 10 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया जाना है, उन्हें मालिकों और पुलिस के बीच मिलीभगत का संदेह है।
आरटीआई के जवाबों के अनुसार, 156 निजी वाहनों को अवैध रूप से जब्त किया गया था, क्योंकि केवल वाणिज्यिक वाहनों को ही अनुमति है। रानी ने केंद्रीय सतर्कता आयोग की प्रतिकूल टिप्पणियों का हवाला दिया। नौ जिलों ने 10,45,78,093 रुपये का बकाया भुगतान न किए जाने की सूचना दी, जबकि री भोई और साउथ वेस्ट गारो हिल्स ने जानकारी रोक दी। रानी जवाबदेही और पारदर्शिता की मांग करती हैं।